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Mumbai accounts for 40% of 4.5k+ malaria cases in state( मुंबई राज्य में होने वाले 4,500 से अधिक मलेरिया मामलों का 40% यानी करीब 1,800 मामले अकाउंट करता है।)

मुंबई राज्य में होने वाले 4,500 से अधिक मलेरिया मामलों का 40% यानी करीब 1,800 मामले अकाउंट करता है। यह आंकड़ा मुंबई में मलेरिया के व्याप्ति की ऊचाई दर्शाता है, जिसका अर्थ है कि मुंबई मलेरिया के प्रमुख केंद्रों में से एक है।

मुंबई राज्य में होने वाले 4,500 से अधिक मलेरिया मामलों का 40% यानी करीब


मलेरिया एक प्रकार की मौसमी बीमारी है जो जूनसेस मुख्यतः एनोफीलीस मच्छरों के काटने से होती है। इसके कारण, जल जमाव, अशुद्ध पानी के स्रोत, बाढ़, और अवैश्वासिक निवासी स्थलों में मलेरिया के प्रसार की आशंका बढ़ जाती है। Also Read 

मुंबई भारत के महाराष्ट्र राज्य की राजधानी शहर है और भारत की सबसे अधिकांश आबादी वाली शहरों में से एक है। इसका मतलब है कि यह अत्यधिक जनसंख्या और घनी बास्तियों के साथ एक अव्यावहारिक स्थान है, जहां जल जमाव, पानी की अवधि, और स्वच्छता का प्रबंधन एक चुनौती है।

स्थानीय शासन, स्वास्थ्य विभाग, और समुदाय के साथी संगठनों के द्वारा मलेरिया के खिलाफ नियमित निगरानी, प्रतिक्रियाएं, और जागरूकता कार्यक्रमों को संचालित किया जाना चाहिए। साथ ही, पानी संचयन और उचित मोस्किटो कंट्रोल उपायों को अपनाना चाहिए ताकि मलेरिया के प्रसार की गंभीरता को कम किया जा सके।

इसके अलावा, व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वच्छता के प्रबंधन को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है, जैसे कि मच्छरों के ब्रीडिंग स्थलों का नियमित सफाई करना, जल जमाव को रोकना और नकली या बंद निर्मित वस्त्र और जलीय संरचनाओं का उपयोग करना।

मुंबई के स्थानीय प्रशासन और निवासियों के सहयोग से, मलेरिया के मामलों को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा सकते हैं और शहर को एक स्वस्थ और सुरक्षित जगह बनाने में मदद की जा सकती है।

मुंबई अपने बजट, संसाधनों और मानव संसाधन की मदद से अधिक मलेरिया संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग मलेरिया के प्रबंधन, जांच और इलाज को सुनिश्चित करने के लिए कठोरी से काम कर रहा है। Also Read 

 वे मच्छरों के ब्रीडिंग स्थलों की निगरानी करते हैं, जल जमाव को नष्ट करने के उपायों पर काम करते हैं और मलेरिया प्रतिरोधी दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं।

जनसंख्या के बढ़ते दबाव के मद्देनजर, स्थानीय प्रशासन ने मलेरिया पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। इन कार्यक्रमों में मलेरिया के कारणों, प्रतिरोध, संक्रमण के लक्षणों और उपचार के बारे में जनता को जागरूक किया जाता है। 

साथ ही, जनता को ब्रीडिंग स्थलों को साफ़ और सूखे रखने, मच्छरों से संपर्क से बचने, मस्तिष्कीय जागरूकता और मस्तिष्कीय व्यावसायिक व्यवहार के माध्यम से मलेरिया संक्रमण के खिलाफ स्वयं संरक्षण के तरीकों को सिखाया जाता है।

स्थानीय सरकार ने अपने जल संरचनाओं, नगरीय क्षेत्रों और महत्वपूर्ण स्थानों को उचित मोस्किटो कंट्रोल उपायों से सुरक्षित बनाने के लिए भी कदम उठाए हैं। जल जमाव को रोकने के लिए बाढ़ प्रबंधन योजनाएं और जलस्तर नियंत्रण उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

अत्यधिक मलेरिया संक्रमण के कारण, वैद्यकीय सेवाओं की उपलब्धता, चिकित्सा यंत्रों की आपूर्ति और व्यावसायिक जागरूकता को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है। मलेरिया के लिए उचित चिकित्सा सुविधाएं, दवाएँ और टीकाकरण के सुविधाएं प्रदान करना जरूरी है।

एक स्वस्थ और मलेरिया मुक्त मुंबई के लिए, सरकारी और निजी संगठनों के बीच सहयोग और समन्वय की आवश्यकता है।

 स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, सामुदायिक संगठन, वैद्यकीय संस्थान और नागरिकों के बीच साझेदारी को मजबूत बनाना चाहिए ताकि मलेरिया के संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके और आगामी प्रकरणों को प्रभावित किया जा सके। 

यह एक संघर्षपूर्ण कार्य है, लेकिन यदि सभी संबंधित हस्तक्षेप और समुदाय के सदस्य मिलकर काम करें, तो मुंबई में मलेरिया के मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है।

उपाय, मलेरिया के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जनता की सहभागिता भी महत्वपूर्ण है। लोगों को मच्छरों के काटने से बचने के लिए आवश्यक सावधानियाँ लेनी चाहिए। मच्छरों के काटने से बचने के लिए मॉस्किटो नेट का प्रयोग करना चाहिए और रात्रि में जब मच्छरों की सक्रियता अधिक होती है, तब खुले जगहों में आवासीय क्षेत्रों को अच्छी तरह से मच्छरों से सुरक्षित रखने के लिए स्वच्छता और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।

मुंबई राज्य में होने वाले 4,500 से अधिक मलेरिया मामलों का 40% यानी करीब


जनसंख्या के बीच जागरूकता कार्यक्रम और शिक्षा भी महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को साझा कर्मी और स्वयंसेवकों की मदद से जनता को मलेरिया के बारे में जागरूक करने, संक्रमण के लक्षणों की पहचान करने और सही उपचार तक पहुंच को सुनिश्चित करना चाहिए। विभिन्न मीडिया माध्यमों का उपयोग करके जनसंख्या को मलेरिया संक्रमण के खतरों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जा सकता है। Also Read 

साथ ही, मलेरिया के खिलाफ सतर्कता बढ़ाने के लिए मलेरिया प्रतिरोधी योजनाओं को अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह शामिल हो सकता है मलेरिया ज्ञान केंद्रों की स्थापना, मलेरिया पर विशेष अध्ययन और गंभीर मलेरिया मामलों के लिए विशेष चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना।,

Conclusion :मुंबई में मलेरिया संक्रमण के मामलों का 40% हिस्सा गवाही देता है कि इस समस्या का समाधान करने के लिए संगठित और समन्वित प्रयासों की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, सामुदायिक संगठन, वैद्यकीय संस्थान और जनता सभी मिलकर मलेरिया संक्रमण को रोकने और नियंत्रित करने के लिए कठोर कार्रवाई कर सकते हैं। साथ ही, जनसंख्या की जागरूकता, स्वच्छता के प्रबंधन, और चिकित्सा सुविधाओं का उचित उपयोग मलेरिया संक्रमण को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 

FAQ- Q1. क्या मुंबई में मलेरिया का खतरा है?

A बढ़े हुए जोखिम वाले लोगों के लिए, हम कभी-कभी निवारक मलेरिया गोलियों की सलाह देते हैं, या अपने साथ आपातकालीन उपचार ले जाते हैं। नई दिल्ली, राजस्थान, मुंबई और अंडमान द्वीप समूह सहित 2000 मीटर से नीचे के शेष क्षेत्रों में मलेरिया का खतरा कम है।

Q2.क्या आपको मुंबई के लिए मलेरिया की गोलियां चाहिए?

A.भारत आने वाले सभी पर्यटकों को हेपेटाइटिस ए, टेटनस और टाइफाइड का टीका लगवाना आवश्यक है। इसके अलावा, आपको अपनी छुट्टियों के दौरान संक्रमित होने से बचने के लिए मलेरिया की गोलियाँ लेनी होंगी । आप अपनी छुट्टियों के दौरान क्या करने की योजना बना रहे हैं, इसके आधार पर आपको अतिरिक्त टीकाकरण पर विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।

Q3 मलेरिया में लगने वाले इंजेक्शन का नाम क्या है?

A.मलेरिया के लिए इजाद किए गए वैक्सीन का नाम RTS,S/AS01 है और इसका ट्रेड नेम मॉसक्यूरिक्स (Mosquirix) है। इस टीके को इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है।

Q4.मलेरिया से पीड़ित रोगी का कौन सा अंग बढ़ जाता है?

A.मलेरिया के गंभीर मामले लगभग हमेशा पी. फैल्सीपैरम से होते हैं। यह संक्रमण के 6 से 14 दिन बाद होता है। तिल्ली और यकृत का आकार बढ़ना, तीव्र सिरदर्द और अधोमधुरक्तता (रक्त में ग्लूकोज़ की कमी) भी अन्य गंभीर लक्षण हैं।


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