-->

Breaking News

Raksha Bandhan 2023 me kb h.कयो मनाते हैं, शुभ मुहूर्त।

Raksha Bandhan kyu mnte h. रक्षा बंधन हिंदी में मनाया जाने वाला एक प्रमुख भारतीय त्योहार है। यह हिन्दू परंपरा में मनाया जाता है और मुख्य रूप से भाई और बहन के पवित्र संबंध का प्रतीक है। यह त्योहार श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, 30 अगस्त 2023 को परेगा ।


 "रक्षा" शब्द का अर्थ होता है "सुरक्षा" और "बंधन" शब्द का अर्थ होता है "बंधन" या "रिश्ता"। इस दिन भाई बहन आपस में एक रक्षा सूत्र बांधते हैं, जिसका मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की सुरक्षा और रक्षा करेगा। बहन भी भाई को आशीर्वाद देती है और उसे खुश रखने का संकल्प लेती है। इस अवसर पर बहनें अपने भाई को रक्षा बंधन का त्योहार मनाने के लिए सुंदरकांड की कथा पढ़ती हैं और रक्षा बंधन गीत गाती हैं। भाई बहन इस दिन एक दूसरे को उपहार देते हैं और परिवार के सदस्यों के साथ मिठाई खाते हैं। 


यह त्योहार परिवार की एकता, प्रेम और संबंधों का प्रतीक है और भाई-बहन के अलावा, रक्षा बंधन त्योहार के दौरान भाई-बहन के बीच प्यार और आदर की भावना व्यक्त की जाती है। यह दिन भाई बहन के बीच एक सबसे मजबूत रिश्ता को मजबूती देने का अवसर होता है। बहन अपने भाई के लिए सौभाग्य और शुभकामनाएं प्रदान करती हैं, जबकि भाई अपनी बहन के लिए स्नेह और सुरक्षा की कामनाएं देता है।  Products link 

इस दिन को बहन अपने भाई को धागे या राखी से बांधती है, जिसे रक्षा सूत्र कहा जाता है। यह धागा एक प्रतीक है जो भाई को अपनी बहन के समर्थन और सुरक्षा का आश्वासन देता है। रक्षा बंधन का महत्व और अर्थ विभिन्न कारणों से है। पुराने काल में, यह त्योहार राजपूताना और मुग़ल सम्राटों द्वारा रक्षा बंधन के माध्यम से देश की सुरक्षा की गरिमा को मनाने के लिए मनाया जाता था। इसके अलावा, भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र संबंध को मान्यता दी जाती है और रक्षा बंधन इसका प्रतीक है। 


 रक्षा बंधन द्वारा, भाई-बहन के बीच प्यार , विश्वास, आपसी मदद और समर्थन की भावना को प्रकट किया जाता है। भाई बहन के बीच एक गहरा आदर्श संबंध होता है जो सदैव बना रहता है। यह त्योहार प्रेम, सम्मान और परिवार के एकता को मजबूत करने का अवसर है। रक्षा बंधन का आयोजन कुछ आदतों के साथ होता है। बहन राखी धागा अथवा सुंदरकांड कथा के साथ तैयार होती है और उसे भाई के कलाई पर बांधती है। इसके बाद, भाई अपनी बहन को आशीर्वाद देता है और उसे उपहार देता है, जिसमें मिठाई, सोने-चांदी, वस्त्र, और श्रृंगार सामग्री शामिल हो सकती है। परिवार के अन्य सदस्य भी इस खुशी का हिस्सा बनते हैं और सभी मिलकर परिवार के बंधन को मजबूत करते हैं।


 इस दिन को धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ मनाने के साथ-साथ, रक्षा बंधन आजकल मानवता, ब्रादरहुड और समरसता को भी प्रतीत करता है। यह त्योहार बहनों के आपसी संबंध के महत्व को पुनर्जीवित करता है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सम्मान का आदान-प्रदान करता है। यह भाई-बहन के बीच विशेष एकता का संकेत है, जहां उनके बीच किसी भी विचारों के बावजूद प्रेम और समर्थन की भावना हमेशा बनी रहती है। रक्षा बंधन के माध्यम से भाई और बहन एक दूसरे के संग खुशियों, दुःखों, संघर्षों और सफलताओं का हिस्सा बनते हैं और एक दूसरे का साथ निभाते हैं।

 रक्षा बंधन त्योहार हिंदी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने के साथ-साथ, इस त्योहार के माध्यम से परिवार की एकता, सद्भाव, और समाज में सद्भावना को बढ़ावा दिया जाता है। इसे एक प्यार और सम्मान की उच्चतम प्रकटि के रूप में माना जाता है और यह संबंध दूरी, समय और सामयिकता के परे भी दृढ़ बनाए रखने का संकेत है। 


 यही कारण है कि रक्षा बंधन हिंदी में मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है, जो प्रेम, आदर, और परिवार के बंधन को महत्वपूर्णता देता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में एक दिलचस्प परंपरा है जो बहुत समय से चली आ रही है। इस दिन भाई-बहन के आपसी रिश्ते की मजबूती, संबंधों की मधुरता, और परिवार के साथीपन की महत्वपूर्णता का मनाया जाता है। रक्षा बंधन में बहन अपने भाई के लिए खास मनोवैज्ञानिक और पौराणिक कार्यक्रम आयोजित करती हैं। धागा बांधने के पश्चात बहन अपने भाई को बधाई देती है 
               और आशीर्वाद देती है कि उन्हें सदैव सुरक्षित रखें। वे उन्हें स्नेह और प्यार देती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेता है। उपहारों का विनिमय होता है और परिवार के सदस्यों के साथ मिठाई खाई जाती है। इस त्योहार के द्वारा भाई-बहन के आपसी संबंध की महत्वपूर्णता को साझा किया जाता है। यह भाई-बहन के प्यार और समर्थन को स्थायीत्व देता है और उन्हें एक दूसरे के लिए सुरक्षित महसूस कराता है। रक्षा बंधन एक पवित्र और आनंदद अवसर है जो भाई-बहन के बीच दोस्ती, स्नेह, और विश्वास का प्रतीक है।


 यह त्योहार उनके बीच संवाद, खुशी, और मस्ती को बढ़ाता है। इसके अलावा, रक्षा बंधन के द्वारा विभिन्न सामाजिक संदेशों को भी स्पष्ट किया जाता है। यह महिलाओं की सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करता है, क्योंकि उन्हें भाई के माध्यम से सुरक्षा और समर्थन की प्राप्ति होती है। इसे समाज में समानता और सद्भाव की भावना का प्रतीक माना जाता है। इस प्रकार, रक्षा बंधन हिंदी में मनाए जाने वाले त्योहार हैं जो भाई-बहन के बीच विशेष संबंध का प्रतीक हैं। यह त्योहार प्यार, सम्मान, और समर्पण की भावना को जीवंत रखता है 
              और परिवार के आपसी रिश्तों को मजबूत बनाता है। रक्षा बंधन का महत्व और अर्थ आज भी सदैव बना हुआ है और इसे हमेशा मान्यता और उत्साह के साथ मनाया जाता है। Raksha Bandhan पहले कब मनाया गया। रक्षा बंधन का उल्लेख महाभारत काल से भी पहले के समयों में भी पाया जाता है। पुराणों और कथाओं के अनुसार, इस त्योहार का प्रारंभ महर्षि वेदव्यास और द्रौपदी के बीच घटा। द्रौपदी ने बहुमान के रूप में अपने अपने हाथों में तार बांधकर वेदव्यास को आमंत्रित किया था और उन्हें सुरक्षा का वचन दिया था। महाभारत के इस घटना के बाद से ही रक्षा बंधन का प्रचलन प्रारंभ हुआ। 

 इसके अलावा, रक्षा बंधन को अन्य प्राचीन ग्रंथों और इतिहासों में भी उल्लेख किया गया है। वैदिक संस्कृति में भी भाई-बहन के बंधन का प्रतीक माना जाता था। विभिन्न राजनीतिक और साहित्यिक ग्रंथों में भी रक्षा बंधन का उल्लेख मिलता है। चंद्रगुप्त मौर्य और अकबर जैसे महान शासकों के जीवन में भी रक्षा बंधन का महत्वपूर्ण स्थान है। इस प्रकार, रक्षा बंधन का महत्व और मान्यता पुरानी संस्कृति और इतिहास में मौजूद है। यह एक प्राचीन और पवित्र परंपरा है जो आजाती है और आज भी अपनी महत्त्वपूर्णता बनाए रखी है। रक्षा बंधन एक समाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को बढ़ावा देता है। इस त्योहार के माध्यम से, भाई अपनी बहन को प्रेम और समर्थन का भाव दिखाते हैं और बहन अपने भाई की सुरक्षा और आशीर्वाद की कामना करती है। 

यह बंधन दोनों के बीच विशेष संबंध का प्रतीक है और प्यार, समर्थन, और विश्वास को दर्शाता है। रक्षा बंधन का महत्वपूर्ण संदेश यह है कि एक परिवार के सदस्यों के बीच समर्थन और सम्मान की भावना होनी चाहिए। इसके माध्यम से लोगों को यह याद दिलाया जाता है कि उनका आपसी संबंध मजबूत होना चाहिए और वे एक दूसरे की सुरक्षा और समृद्धि के लिए समर्पित होने चाहिए। रक्षा बंधन एक ऐसा त्योहार है जो परिवार की एकता और सद्भाव को प्रशंसा करता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ प्यार और आपसी संबंध का आदान-प्रदान करते हैं और इस उत्सव को मनाने क रक्षाबंधन 2023ः राखी बांधने का-

          शुभ मुहूर्त व तिथि रक्षाबंधन  30 अगस्त 2023,


 बुधवार पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ 30 अगस्त 2023 12ः28 पूर्णिमा तिथि समाप्त 31 अगस्त 2023 08ः35 रक्षाबंधन भद्रा अंत समय 30 अगस्त 2023 22ः31 भद्रा पूंछ 19ः00 से 20ः01 भद्रा मुख 20ः01 से 21ः41

                 रक्षाबंधन पर बहनें क्यों रखती हैं व्रत?


      रक्षा बंधन पर बहनें रक्षा सूत्र (राखी) अपने भाई की कलाई पर बांधती हैं और उसे रक्षा बंधन का प्रतीक मानती हैं। 


इसके पीछे कई प्राचीन कथाएं और पौराणिक कथाएं हैं जो बताती हैं कि इस क्रिया के पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, रानी कर्णावती के समय मेवाड़ में अकबर नामक मुग़ल सम्राट ने मेवाड़ को आक्रमण किया था। इस परिस्थिति में रानी कर्णावती ने भगवान के मंदिर में रक्षा सूत्र का चयन किया और उसे अपने सेनानियों की कलाइयों में बांधा। इससे मुग़ल सेना को एक विशेष संकेत मिला कि वे युद्ध करने के बजाय मानवता और समझदारी का पालन करें। यह घटना राखी के प्रतीक के रूप में मानी जाती है और रक्षा बंधन के रूप में मनाने की प्रेरणा देती है। इसके अलावा, रक्षा बंधन में बहन अपने भाई की सुरक्षा और शुभकामनाएं देने का व्रत रखती हैं। 

वह अपने भाई को सदैव सुरक्षित रखने की कामना करती हैं और उसे अपनी देखभाल का वचनबहन रक्षा बंधन पर व्रत रखकर अपने भाई के लिए प्रेम और समर्पण का संकेत देती हैं। यह व्रत उनकी भाई-बहन की बंधन को मजबूत बनाने का प्रतीक होता है। वे यह व्रत सावधानीपूर्वक मानती हैं और उसे अपनी भक्ति और प्रेम की व्यक्ति करती हैं। रक्षा बंधन के दिन, बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उन्हें शुभकामनाएं देती हैं। 

इस राखी में एक मानसिक संकल्प होता है कि बहन अपने भाई की सुरक्षा और भलाई की कामना करती हैं। वह अपने भाई के लिए प्रार्थना करती हैं कि उसे सभी कठिनाइयों से बचाए रखें और उसकी जीवन में सुख-शांति और समृद्धि हो। भाई उसे धागा और आशीर्वाद देता हैं और अपनी भाई-बहन के प्यार की प्रतिज्ञा करता हैं। इस व्रत के माध्यम से, बहन अपने भाई की रक्षा का प्रतीक बनती हैं। यह एक पवित्र बंधन होता है जो प्यार, समर्पण और संबंध को मजबूती देता है। रक्षा बंधन पर व्रत रखने से बहनें अपने भाई की सुरक्षा और खुशी आशा करती हैं और उसके लिए अपना पूरा समर्पण देती हैं। 


रक्षाबंधन कैसे मनाते हैं: परंपरा, अर्थ और महत्व

रक्षाबंधन भारतीय सभ्यता में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भाई-बहन के प्यार और सम्मान को संदर्भित करता है। यह एक खुशी और आदर से मनाया जाने वाला त्योहार है जो हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है

रक्षाबंधन का अर्थ

"रक्षाबंधन" शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "रक्षा की बंधन"। इस पर्व में, बहन अपने भाई की कलाई पर एक रक्षासूत्र बांधती है जो उनके सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक होता है। भाई उसे बहन की रक्षा करने का प्रतिज्ञान देता है और उसे बहन की खुशी और सुरक्षा की कामना करता है। यह रिश्ता भाई-बहन के प्यार और समर्पण को प्रकट करता है और परिवार के सदस्यों के बीच एक मजबूत बंधन बनाता है।

रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है

रक्षाबंधन का त्योहार खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन, बहन एक सुंदर राखी बनाती है जिसे वह अपने भाई की कलाई पर बांधती है। वे फूल, मोती, या सोने की धागा से बनी होती हैं और बहन के प्यार और आदर का प्रतीक होती हैं।

बहन फिर अपने भाई को तिलक लगाती है और उसे बहन की ओर से विशेष आरती करती है। भाई उसे आशीर्वाद देता है और एक उपहार देकर उसके प्यार और सम्मान को प्रकट करता है। बहन और भाई फिर एक दूसरे को गले लगाते हैं और एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं। इस दिन परिवार के सदस्यों में मिठास और आपसी प्यार का माहौल होता है।


रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन का महत्वपूर्ण अर्थ है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है और परिवार के एकता और प्रेम का प्रतीक है। भाई बहन के बीच एक विशेष बंधन के माध्यम से, एक दूसरे की सुरक्षा और सहायता का वादा किया जाता है। यह भाई-बहन के प्यार, विश्वास और समर्पण को दर्शाता है और परिवार में एक मेल बनाता है।

इस व्रत के माध्यम से, बहन और भाई के बीच एक आदर्श आपसी संबंध स्थापित होता है जो प्यार, समर्थन और आपसी सम्बंध को मजबूत बनाए रखता है। रक्षा बंधन पर बहनें अपने भाई को बहुमान के रूप में उपहार भी देती हैं। यह उपहार भाई के प्रति उनकी प्रेम और सम्मान की प्रतीक होते हैं। बहनें आकर्षक वस्त्र, मिठाई, सोने-चांदी की वस्तुएं, या अन्य उपहार अपने भाई को देती हैं .

जो उनके आपसी बंध को और भी गहरा बनाते हैं। इस प्रकार, रक्षा बंधन पर बहनें व्रत रखती हैं, राखी बांधती हैं, और भाई को उपहार देती हैं जिससे उनका प्यार और समर्पण प्रकट होता है। यह एक स्वीकार्य और पवित्र परंपरा है जो भाई-बहन के संबंध को मजबूत बनाए रखने का उद्देश्य रखती है और परिवार की एकता और प्यार को प्रशंसा करती है।

FAQ- Q1.रक्षाबंधन कब है?
            A. 30 August 2023.

           Q2.Rakhi क्यों मनाया जाता है?
             A.यह पर्व हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। भाई की कलाई पर बांधे जाने वाले इन्हीं कच्चे धागों से पक्के रिश्ते बनते हैं। पवित्रता तथा स्नेह का सूचक यह पर्व भाई-बहन को पवित्र स्नेह के बंधन में बांधने का पवित्र एवं यादगार दिवस है
            Q3.राखी का इतिहास क्या है?
        A.   श्रीकृष्ण को द्रौपदी ने बांधी थी राखी बात उस समय कि है जब इंद्रप्रस्थ में शिशुपाल का वध करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र चलाया था. उसी दौरान श्रीकृष्ण की उंगली कट गई और काफी खून बहने लगा. उस समय द्रोपदी ने अपने साड़ी का पल्लू फाड़ के भगवान के उंगली पर बांध दिया. संयोग से उस दिन श्रावण मास का पूर्णिमा थी.।

  Q4.रक्षाबंधन कब है 2023 में शुभ मुहूर्त?
  A.शुभ मुहूर्त और राखी बांधने की धार्मिक विधि Raksha Bandhan 2023 सनातन पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 31 अगस्त को 07 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 30 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा।

  Q5.2026 में रक्षाबंधन कब है?
  A.रक्षा बंधन 2023, 2024 और 2025
साल तारीख दिन
2023 31 अगस्त गुरूवार
2024 19 अगस्त सोमवार
2025 9 अगस्त शनिवार
2026 28 अगस्त शुक्रवार


कोई टिप्पणी नहीं