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Sawan 2023 Date: कब से शुरू होhttps://dasharapuja2023.blogspot.com/2023/05/Haritalikateej.html रहे हैं सावन? जानें सावन सोमवार की सभी तिथियां । 

सावन का महीना हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए मनाना जाता है। यह मॉनसून के महीने के रूप में भी जाना जाता है, जब बारिशें आती हैं और पृथ्वी नई जीवन और प्रकृति के साथ नई उमंगों को प्राप्त करती है। सावन में हिन्दू धर्म के द्वारा व्रत और पूजा की जाती है, जहां शिवजी की पूजा और गांव के देवताओं के लिए यात्रा की जाती है। 



यह मान्यता है कि सावन में भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और इस माह के व्रत और पूजा से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन के महीने में भक्तों को दिनचर्या और नियमों का पालन करने का महत्व माना जाता है और इसे आनंद, उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता हैं।सावन के माह में हिन्दू धर्म में कई महत्वपूर्ण व्रत और परंपराएं मनाई जाती हैं। कुछ प्रमुख व्रत इस माह में हैं: सोमवार व्रत: सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की पूजा और व्रत किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग की अर्चना और जलाभिषेक की जाती है। कावड़ यात्रा: सावन के महीने में कई श्रद्धालु शिव मंदिरों के लिए कावड़ लेकर   यात्रा‌करते है।

 वे गंगाजल लेकर और भक्ति भाव से शिव मंदिरों मे पहुंचते हैं। हरियाली तीज: सावन के माह की तीसरी शुक्ल पक्ष की तीज को हरियाली तीज कहा जाता है। यह मान्यता है कि यह व्रत सुहागिन महिलाओं के पति की लंबी उम्र के लिए सुख और दीर्घायु का प्रतीक होता है। सावन सोमवार व्रत कथा: सावन के महीने में सोमवार व्रत कथा सुनाई जाती है, जिसमें भगवान शिव के महत्वपूर्ण चरित्र और उनके भक्त की कथा वर्णित होती है। ये केवल कुछ उदाहरण हैं और व्रतों की विविधता और प्रथाएं भारत के विभिन्न हिस्सों

में अवगत कराना असंभव है। भारत के विभिन्न हिस्सों में व्रतों और परंपराओं की विविधता होती है। इनमें सावन के महीने में जलाभिषेक, शिवरात्रि का व्रत, कांवड़ यात्रा, सावन संक्रांति, नाग पंचमी, रक्षाबंधन आदि शामिल हैं। इन परंपराओं में धार्मिक आयोजन, पूजा, व्रत, संगीत, नृत्य और भक्ति के अवसरों का आनंद उठाया जाता है.     
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4 जुलाई से शुरू हो रहा है जो 31 अगस्त 2023 तक यानी दो महीने तक रहेगा. Sawan 2023 Date: हिंदू धर्म के अनुसार श्रावण मास को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है


हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन पांचवें महीने में आता है। श्रावण मास के सभी सोमवार के दिन उपवास के लिए शुभ माने जाते हैं। इन्हें श्रावण सोमवार या सावन सोमवार व्रत के नाम से जाना जाता है। कई लोग सावन के दौरान सोलह सोमवार या सोलह सोमवार व्रत भी रखते हैं। देवों के देव महादेव का प्रिय माह सावन समाप्त होने वाला है 
          हर सोमवार पर शिव जी की पूजा का विशेष महत्व है। सावन माह के प्रत्येक सोमवार शिव भक्तों के लिए बेहद खास माने जाते हैं। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और विधि पूर्वक पूजा करते हैं। मान्यता है की सावन के सोमवार का व्रत रखने और पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद दिलाने वाला सावन सोमवार भी खत्म होने वाला है। महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों के पास सिर्फ एक सोमवार बचा हुआ है। ऐसे में इस दिन आपको विशेष पूजा आराधना करनी चाहिए। 


                            

              सावन सोमवार 2023 की तिथियां 


पहला सोमवार - 10 जुलाई दूसरा सोमवार-17 जुलाई तीसरा सोमवार- 24 जुलाई चौथा सोमवार- 31 जुलाई पांचवा सोमवार-07 अगस्त छठा सोमवार-14 अगस्त सातवां सोमवार-21 अगस्त आठवां सोमवार- 28 अगस्त सावन सोमवार का महत्व सनातन धर्म में सावन महीना का विशेष महत्व माना गया है। 
            
              ऐसा माना जाता है इस माह में भगवान शिव संपूर्ण सृष्टि का संचार करते हैं। ऐसे में वह अपने भक्तों की प्रार्थना को सरलता से सुन लेते हैं। सावन के दौरान भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ शिवलिंग का जलाभिषेक, दूध अभिषेक करने से वह अति प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही सावन के दौरान कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व है। बता दें कि इस साल का सावन काफी खास है, 



सावन में मणिकांचन योग भी लग रहा है, जो काफी दुर्लभ योग माना जाता है। इसके साथ ही इस साल मलमास में ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। नया साल 2023 शुरू हो चुका है। रविवार से शुरू हुआ ये साल काफी खास बीतने वाला है। इस साल कई खास योग बन रहे हैँ। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल में 12 माह होते हैं। लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार बात करें, तो इस साल पूरे 13 माह पड़ रहे हैं। ऐसा कई सालों बाद हो रहा है। ज्योतिष के लिए ये साल काफी खास माना जा रहा है। जानिए इसका कारण। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी से साल की शुरुआत होती है और दिसंबर के साथ समाप्त हो जाता है। 

                 लेकिन हिंदू कैलेंडर की बात करें, तो नए साल की शुरुआत चैत्र मास से होती है। इसके बाद वैशाख, ज्येष्ठा, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन मास पड़ते हैं। लेकिन इस साल श्रावण मास एक नहीं बल्कि 2 मास होंगे। इस कारण कुल 13 मास पड़ रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बूार श्रावण मास दो माह पड़ने का मुख्य कारण मलमास है। मलमास को अधिक मास और पुरुषोत्तम मास के नाम से जानते हैं। हर तीन साल में एक अतिरिक्त मास होता है जिसे मलमास कहते हैं।हर साल चातुर्मास 4 माह के होते गहैं। लेकिन साल 2023 में पूरे पांच माह का चातुर्मास होगा। 


           दरअसल, मलमास के कारण हर व्रत त्योहार में देरी होगी। इसी कारण सावन 2 और चातुर्मास 5 माह का होता है। इन पांच माह में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहेंगे और भगवान शंकर सृष्टि का संचार करेंगे। साल 2023 में सावन अधिकमास के कारण सावन पूरे 2 माह का होगा। इस कारण सावन में कुल 8 सोमवार पड़ेगे। बता दें कि 4 जुलाई से शुरू हो रहे हैं जो 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। ऐसा 19 साल बाद हो रहा है जब एक साल में 2 माह सावन पड़ रहे हैं।

Somvar Vrat Katha 2023: सावन सोमवार व्रत की सुनें ये खास कथा, बरसेगी महादेव की कृपा

महादेव के सावन सोमवार व्रत का महत्व बहुत उच्च है। सावन मास के माध्यम से, भक्त शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सोमवार व्रत कथा शिवपुराण में बताई गई है, जो निम्नलिखित है:

एक समय की बात है, बहुत पुराने दिनों में, एक नामी राजा था जिसका नाम चंद्रशेखर था। वह बहुत धर्मात्मा और भक्तिमय राजा था, जिसे भगवान शिव का अभिमान था। उसने हमेशा ही शिव की पूजा-अर्चना और व्रत-त्याग करते थे।

एक दिन, चंद्रशेखर राजा की रानी, सती की यात्रा पे जाने का निर्णय हुआ। वे अपने पिता से अनुमति लेने चले गए, लेकिन उनके पिता ने उन्हें यह आदेश दिया कि उन्हें एकवार शिव की पूजा और व्रत करना होगा। साथ ही, राजा को शिव के आराधना और भक्ति में अपना पूरा विश्वास रखने का आदेश भी मिला।

राजा और रानी ने यात्रा पर निकलने से पहले राजमहल में एक शिवलिंग की स्थापना करवाई और सम्पूर्ण विधिवत शिव की पूजा अर्चना की। वे सावन मास के हर सोमवार को व्रत रखने का निर्णय लेते हैं।

व्रत का आयोजन करने के दिन राजा चंद्रशेखर ने अपने राजमहल के पास एक शमी वृक्ष पाया। शिव के भक्त की भावना से प्रेरित होकर, राजा ने वृक्ष के नीचे भगवान शिव की पूजा की।

व्रत के दौरान एक सावन में, राजा का अंधकार दूर हो गया और उन्हें भगवान शिव ने दिव्य दर्शन दिए। शिव ने राजा की अभिलाषा पूरी करने का वचन दिया और उन्हें आशीर्वाद दिया कि वह और उनका परिवार सदैव सुखी रहेगा। शिव ने कहा कि जो भी व्यक्ति सावन के सोमवार को पूरे मन से व्रत रखेगा और शिव की पूजा करेगा, उसकी मनोकामना पूरी होगी और उसे आनंद, सुख, और समृद्धि प्राप्त होगी।

इस प्रकार, राजा चंद्रशेखर की भक्ति, पूजा, और व्रत से उन्हें महादेव की कृपा प्राप्त हुई और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हुईं। सोमवार व्रत चंद्रशेखर राजा के वंशजों द्वारा पूरे राज्य में मान्यता प्राप्त की गई और वह एक लोकप्रिय पर्व ब

निबंध का ज्यामिति गौर से रखना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपको और अधिक विस्तृत जानकारी चाहिए या अन्य किसी विषय पर सहायता चाहिए तो कृपया पूछें।
             
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सावन सोमवार व्रत पूजन विधि (Sawan Somwar Vrat 2023 Pujan Vidhi स्नान (शुद्धिकरण):

 सावन सोमवार के दिन व्रत की शुरुआत में स्नान करें। यह स्नान आपको शुद्ध और पवित्र बनाएगा।

 शिवलिंग की स्थापना: एक प्रयोगशाला या पूजा स्थल पर एक छोटे शिवलिंग की स्थापना करें। शिवलिंग को पूर्वाह्ण की शुभ मुहूर्त में स्थापित करें। शिवलिंग को पानी, दूध, दही, घी और मधु से स्नान कराएं। इसके बाद, शिवलिंग को फूल, धूप, दीप, अर्क, अक्षत और बिल्व पत्र से सजाएं।

 पूजा विधि: शिवलिंग को पुष्प, धूप, दीप, अर्क, अक्षत, रुद्राक्ष माला और कुंकुम चढ़ाएं। फिर, शिवजी के लिए अपनी पसंदीदा मंत्रों का जाप करें, जैसे कि "ॐ नमः शिवाय" और "ॐ महामृत्युंजय मंत्र"।

 शिव कथा का पाठ: शिव कथा का पाठ करें। इसके द्वारा आप शिव के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे और उनके गुणों और महिमा को समझेंगे।

पूजा समाप्ति: पूजा के बाद, आरती गाएं और शिवलिंग को प्रदक्षिणा करें। ध्यान दें कि व्रत के दौरान उपवास रखें और सावन सोमवार के दिन व्रत का नियमित रूप से पालन करें।

यह पूजन विधि सामान्यतः अनुसरण की जाती है, हालांकि आप अपनी आसानी से और विशेषाधिकार के साथ इसे अनुकूलित कर सकते हैं। यदि आपको विशेष रूप से किसी सामग्री या विधि के बारे में जानकारी चाहिए, तो स्थानीय पंडित या वैदिक विद्वान से परामर्श करना उपयुक्त होगा।        

FAQ-Q1.कब से शुरू होगा सावन?

A.इस तारीख से शुरू होगा सावन

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन 4 जुलाई से शुरू होगा। जोकि 31 अगस्त को समाप्त होगा। लेकिन इस साल अधिक मास होने के कारण पूरे दो माह सावन रहेंगे। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई 2023 को पड़ रहा है।

   Q2. 2023 में सावन 2 महीने का क्यों है?                          A. श्रवण को साधारण बोलचाल की भाषा में सावन कहा जाता है। भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास करीब 19 साल बाद 2023 में दो महीने तक मनाया जाएगा और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है मलमास । श्रावण या सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा और 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा।

Q3.सोमवार व्रत के नियम क्या है?                                    A.सोमवार व्रत के नियम (Somvar Vrat Niyam) सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करना चाहिए. फिर शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का जल से अभिषेक करना चाहिए, जलाभिषेक के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करें और व्रत कथा अवश्य सुनें. सोमवार के व्रत में एक ही समय भोजन करना चाहिए।

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