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Deepawali 2023

Deepawali 2023 , जिसे दीवाली के रूप में भी जाना जाता है, विश्व भर में लाखों लोगों द्वारा मनाए जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है। इसे आमतौर पर "प्रकाश का उत्सव" कहा जाता है और यह प्रकाश की जीत, अच्छाई की जीत, और ज्ञान की जीत का प्रतीक है।

Deepawali 2023


               Deepawali 2023 Date

 दीपावली का जश्न संभावित रूप से 12 नवंबर, Sunday को मनाया जाएगा। यह त्योहार हिन्दू चाँद्रिक कैलेंडर के आधार पर भिन्न-भिन्न तारीखों पर हो सकता है,


दीपावली के दौरान, लोग अपने घरों को तेल के दीपकों (दियों) और रंगीन लाइटों से सजाते हैं, और आमतौर पर उन्होंने फर्श पर रंगीन रंगोली डिजाइन (रंगों के पाउडर या फूलों से बनाई जाने वाली पट्टीयां) बनाई होती हैं। परिवार सभा करता है, धार्मिक आचरण करता है, उपहार आपस में विनिमय करता है, और आनंदमय भोजन साझा करता है।

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पटाखे इन उत्सव का एक सामान्य हिस्सा हैं, जहां लोग आग लगाते हैं ताकि यह अवसर चिह्नित हो सके। नए कपड़े पहनना और दोस्तों और परिवार के पास जाकर आपसी शुभकामनाएं और मिठाई संदेश करना भी परंपरागत होता है। कई लोग संगठित ढंग से अपने घरों को साफ करते हैं और मरम्मत करते हैं, जो समृद्धि और शुभ भाग्य के आमंत्रण का प्रतीक होता है।


सार्वभौमिक रूप से, दीपावली खुशियों और जीवन्त उत्साह के साथ एक आनंदमय और रंगीन उत्सव है जो लोगों को एकजुट करता है, खुशी फैलाता है, और प्रकाश और अच्छाई की जीत को प्रतिष्ठित करता है।


रंग-रौनक, समृद्धि-सुख, मिठाई-मिलन - दीपावली 2023 के सुंदर संस्कृतिक पहलू

दीपावली, हिन्दू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो प्रकाश, समृद्धि और खुशहाली के संकेत के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार समृद्ध रंग-रौनक और सांस्कृतिक पहलूओं से युक्त होता है, 

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रंग-रौनक: दीपावली का मुख्य चिह्न उज्जवलता और प्रकाश का है। इस अवसर पर लोग अपने घरों को उज्ज्वल दीपकों, दियों और पटाखों से सजाते हैं। उन्हें अपने घर को रंगीन बनाने के लिए रंगोली का उपयोग करने का भी आदिकारिक तरीका है। रंगोली एक पाठशाला के रूप में कार्य करती है, जहां लोग अपनी कला को दिखाने और आदर्श प्रतिमा को साझा करने का अवसर प्राप्त करते हैं।


समृद्धि-सुख: दीपावली आर्थिक समृद्धि और खुशहाली के प्रतीक के रूप में जानी जाती है। इसे धन की देवी लक्ष्मी के आगमन के अवसर के रूप में भी मनाया जाता है। लोग धनतेरस के दिन नए सामग्री खरीदते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। व्यापारी लोग अपने ब्यापार की मंदी से निकलने के लिए नए आरंभों का भी आयोजन करते हैं। इसके अलावा, लोग परिवार और दोस्तों के साथ मिठाई साझा करते हैं, जो सुख और मिलन की भावना को दर्शाती है।



सांस्कृतिक पहलू: दीपावली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे विभिन्न प्रान्तों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। प्रत्येक प्रांत अपनी खास परंपराओं, ji रास्त्रीय नृत्य और संगीत की प्रदर्शनी के माध्यम से दीपावली की अपनी विशेषता दिखाता है। इसके अलावा, आध्यात्मिक आयोजनों, पंडालों की सजावट और पारंपरिक पूजा-अर्चना भी इस उत्सव को समृद्ध करते हैं।


इस प्रकार, दीपावली 2023 उपलब्धि, सुख और सांस्कृतिक आनंद के साथ आपके जीवन में आएगी। यह एक मधुर और प्रशंसायोग्य अवसर होगा जब आप अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के साथ आपसी प्यार और मिठास का आनंद उठा सकेंगे। आईये इस दीपावली पर आपके जीवन में रंग, समृद्धि और खुशियों का प्रकाश छा जाए।  

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शुभ लक्ष्मी पूजा - दीपावली 2023 के महत्वपूर्ण संगम

दीपावली के महत्वपूर्ण संगम में शुभ लक्ष्मी पूजा एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन लोग भगवान लक्ष्मी की पूजा और आराधना करते हैं और उन्हें आपने घर में स्वागत करते हैं। यह पूजा धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की कृपा हम पर रहे।

लक्ष्मी पूजा के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और उन्हें दीपों और दियों से आभूषित करते हैं। घर के दरवाजे और खिड़कियों पर दीपक जलाए जाते हैं ताकि आगंतुकों के लिए स्वागतपूर्वक रोशनी बनी रहे। लोग अपने घरों के दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं, जो सुंदरता और आनंद की प्रतीक होती है।


पूजा के दौरान, लोग लक्ष्मी माता की मूर्ति की पूजा करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं। ध्यान देने योग्य भक्ति और आराधना के साथ, लोग दिव्य आरती गाते हैं और प्रशाद को चढ़ाते हैं। इस दिन कई लोग अपनी व्यापारिक या व्यक्तिगत लेन-देन की शुरुआत करते है kyuki शुभ माना जाता है कि लक्ष्मी पूजा के दिन नए कारोबारी या व्यापारिक परियोजनाएं शुरू की जाएं।

शुभ लक्ष्मी पूजा दीपावली 2023 में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और संगमी अवसर होगा। यह आपके जीवन में समृद्धि, धन, सुख, और सम्पन्नता का आगमन करेगा। इसे अपने परिवार के साथ मनाएं और लक्ष्मी माता की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करें।

Dev Deepawali 2023 (देव दीपावली 2023)

महत्वपूर्ण जानकारी देव दीपावली 2023 (रविवार, 26 नवंबर 2023): पूर्णिमा तिथि 05:08 अपराह्न से 07:47 PM तक चलेगी. 26 नवंबर 2023 को पूर्णिमा समाप्त होगी, अपराह्न 03:53 बजे. 27 नवंबर 2023 दोपहर 02:45 बजे हिन्दू धर्म में देव दीपावली का महत्वपूर्ण दिन होगा. देवताओं की दिवाली और देवताओं के प्रकाश का त्योहार दो अलग नाम हैं. कार्तिक की पूर्णिमा, देव दीपावली हिन्दू कैलेण्डर का दिन है. देव दीपावली दिवाली के पंद्रह दिन बाद आती है.

देव दीपावली के दिन गंगा तट पर दीपक जलाए जाते हैं. यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन वाराणसी और हरिद्वार इससे अलग हैं. माना जाता है कि इस दिन सभी देवता गंगा में स्नान करते हैं. त्रिपुरा पूर्णिमा स्नान भी देव दीपावली को मनाया जाता है.

वाराणसी में देव दिवाली के दिन गंगा के सभी घाटों पर लाखों दीपक जलाए जाते हैं, जिसे देखने के लिए लाखों भक्त आते हैं. इस दिन वाराणसी के घाटों पर लाखों लोग गंगा आरती में शामिल होते हैं. भारत से बाहर भी लोग इस दृश्य को देखने आते हैं. इस दिन वाराणसी में गंगा महोत्सव भी मनाया जाता है.

गंगा महोत्सव
वाराणसी में एक पर्यटक केंद्रित उत्सव, गंगा महोत्सव हर साल पांच दिनों में मनाया जाता है. यह अक्टूबर और नवंबर के महीने में प्रबोधनी एकादशी से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है. आज वाराणसी की विशाल सांस्कृतिक विरासत को देख सकते हैं.


देव दीपावली को क्यों मनाया जाता है?


त्रिपुरासुर नामक राक्षस देव दीपावली के दिन मारा गया था. त्रिपुरासुर ने मनुष्यों, ऋषि-मुनियों और देवताओं को अपने आतंक से त्रस्त कर रखा था. त्रिपुरासुर के हमला से परेशान होकर सभी देवता भगवान शिव के पास गए. त्रिपुरासुर को समाप्त करने के लिए भगवान शिव से अनुरोध किया. त्रिपुरासुर को भगवान शिव ने मार डाला. जो भगवान शिव की प्रिय नगरी काशी में बहुत से दीपक जलाकर अपना आभार व्यक्त किया था. यही कारण है कि कार्तिक पूर्णिमा पर हर साल देव दीपावली मनाई जाती है.


हिन्दू धर्म में देव दीपावली का बहुत महत्व है. इस दिन देवता गंगा में स्नान करते हैं. इसलिए आज गंगा में स्नान करके दीपदान करना चाहिए. इससे सभी देवता खुश होते हैं और कृपा करते हैं.

सूर्योदय से पहले इस दिन देव दीपावली की पूजा करने के लिए गंगा में स्नान करना चाहिए. यदि आप गंगा में स्नान नहीं कर सकते, तो घर पर स्नान करने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें.
इस दिन आपको शिव और विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए.
संध्या पर गंगा नदी में या अपने घर या मंदिर में दीप जलानें चाहिए.

FAQ.Q1.दीपावली कब है 2023 शुभ मुहूर्त..

A.दिवाली 2023 पूजा समय.

12 नवंबर के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:40 से शाम 07:36 तक रहेगा। वहीं प्रदोष काल शाम 05:29 से रात्रि 08:07 तक रहेगा।

Q2.2023 में दशहरा, दिवाली और छठ कब है?

A .24 अक्तूबर को दशहरा और 12 नवंबर 2023 को दीपावली का त्योहार आएगा और 19 नवंबर को छठ पूजा मनाई जाएगी।

Q3. क्या अमेरिका में दीपावली मनाई जाती है?

A.हां, अमेरिका में दीपावली मनाई जाती है, लेकिन यह एक धार्मिक त्योहार के रूप में नहीं माना जाता जैसा कि भारत में होता है। अमेरिका में यह एक सांस्कृतिक और समारोहिक आयोजन के रूप में मनाया जाता है जिसमें भारतीय मुद्राओं की प्रदर्शनी, रंगों के प्रदर्शन, संगीत और नृत्य प्रस्तुतियां, भारतीय खाना और विभिन्न कार्यक्रम शामिल होते हैं। यह भारतीय मूल के लोगों द्वारा स्थापित दिन है जो अमेरिका में भारतीय संघों या समुदायों द्वारा आयोजित किया जाता है। यह उन लोगों के लिए एक अवसर होता है जो अमेरिका में अपने संगठनों और भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने का मन रखते हैं 


Q4.कौन कौन से देश में दीपावली मनाई जाती है?

A.दीपावली विश्वभर में कई देशों में मनाई जाती है। यह एक हिन्दू त्योहार है, लेकिन कुछ अन्य धर्मों के लोग भी इसे मनाते हैं। यहां कुछ देश निम्नलिखित हैं जहां दीपावली मनाई जाती है:

दीपावली के दिन नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और औस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश होता है।

भारत: दीपावली भारत में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। यह विभिन्न राज्यों में धार्मिक और सांस्कृतिक धृति के साथ मनाया जाता है।

नेपाल: नेपाल में भी दीपावली पूजा के रूप में मनाई जाती है। यहां लोग घरेलू पूजा, दिवाली बाजारों का दौरा और अन्य सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से इसे मनाते हैं।

सिंगापुर: सिंगापुर में दीपावली "दीपावली लाइटअप" के रूप में मनाई जाती है। यहां नगर में दीपों की पंक्ति, सांस्कृतिक कार्यक्रम और रंगबिरंगे आयोजन होते हैं।

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मॉरीशस: मॉरीशस में दीपावली को "दिवाली" के नाम से मनाया जाता है। यहां धार्मिक पूजा, अंधकार दूर करने के लिए दीपों की जलाई, रंगबिरंगे

Q5.चीन में दीपावली कैसे मनाई जाती है?

A..चीन में दीपावली, जो वहां "तंगलार" (Tanglar) नाम से जानी जाती है, मनाई जाती है। यह त्योहार चीनी बौद्ध, जैन, और हिन्दू समुदायों द्वारा मनाया जाता है। यह शानदार आयोजनों और रंगीन सामारोहिकताओं के साथ मनाया जाता है।



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