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chandbali:- बेहद खूबसूरत और आकर्षक चांदबाली डिजाइन आपकी खूबसूरती में लगा देगा चार चांद।

चांदबाली एक भारतीय गहने की प्रकार है जो मुख्य रूप से कान में पहनते है और चार चांदों की तरह आकर्षक दिखता है। यह चांदबाली आपके चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने में मदद कर सकती है। ये गहना विभिन्न प्रकार की मेटल, पत्थर और मोती के संयोजन से बनाया जाता है।



 आपकी खूबसूरती को लगभग सभी प्रकार के चांदबाली डिजाइन और पैटर्न्स बढ़ा सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख विकल्प शामिल हैं: 

 ट्रेडिशनल चांदबाली: 

ये डिजाइन भारतीय संस्कृति और ट्रेडिशन को प्रतिष्ठित करता है। 

इसमें चारों ओर चांदों को प्रमुखतः सोने या कांस्य से बनाया जाता है और इनमें मोती, एनामल वर्क, एंटीक डिजाइन या कार्विंग्स समेत विभिन्न सजावटी तत्व हो सकते हैं। 


 मोडर्न चांदबाली: 

ये डिजाइन आधुनिकता और ताजगी का प्रतीक है। इसमें चांदों को धातु, स्टोन्स या सोने-चांदी के संयोजन से बनाया जाता है। इसमें आधुनिक ज्वेलरी टेक्निक्स जैसे कि क्लस्प, टेक्नोलॉजी और ग्राफिक एलीमेंट्स का उपयोग किया जाता है। ये चांदबाली आकर्षक और अनूठे रूप में बनाई जाती हैं और विभिन्न आभूषणों के साथ मिलाने के लिए आसानी से उपयोग की जा सकती हैं। 


 कोल्हापुरी चांदबाली: 


ये चांदबाली डिजाइन कोल्हापुर शहर के प्रमुख संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करती हैं। इसमें अकर्माण्या या अंगूठी की तरह व्यक्ति को चांदबाली को पहनने के लिए एक छोटी टांका होती हैं। इसके चारों तरफ चांदों, पत्थरों, मोतियों और तार डिजाइन्स को शामिल किया जाता हैं। 

 

ड़ाऊ चांदबाली: 


ये राजस्थानी जड़जीवन परंपरा से प्रेरित होती हैं और इसमें पत्थरों, कुंडन काम, मोतियों, अदाकारी और मेंढ़ी वर्क का उपयोग किया जाता हैं। ये चांदबाली आपकी खूबसूरती में एक बाजारी और आकर्षक ताजगी जोड़ती हैं। चांदबाली डिजाइन्स के अलावा भी कई अन्य विकल्प उपलब्ध हैं जो आपकी खूबसूरती को निखार सकते हैं।


 यहां कुछ अधिक विकल्पों की उल्लेख की गई हैं:


 मोती चांदबाली: 


मोती चांदबाली बहुत प्रसिद्ध हैं और शादी, गहने और उत्सवी अवसरों में विशेष रूप से पहनी जाती हैं। इनमें चांदों को मोतियों से आकार दिया जाता हैं और ये आपके चेहरे पर एक नरम और मुलायम महसूस करवाती हैं। 


 अफगानी चांदबाली: 


अफगानी चांदबाली आपकी खूबसूरती को आंतर्रष्ट्रीय और यूनिक नजर देती हैं। इनमें चांदों को तांबे या सोने के बनावटी काम, पत्थरों और धातु वर्क के साथ सजाया जाता हैं। ये बड़ी, आकर्षक और भारतीय-अफगान शैली में डिजाइन की गई होती हैं।  ये पढ़े 


 सोना-चांदी की चांदबाली: 


सोना-चांदी की चांदबाली एक शानदार विकल्प हैं जो आपकी सौंदर्य और अदा को निखार सकती हैं। इसमें सोने और चांदी का उपयोग किया जाता है, जिससे यह चांदबाली डिजाइन आभूषण काफी शानदार और आकर्षक बनता है। आपके पसंद के अनुसार, इसमें चांदों को सोने और चांदी के संयोजन के साथ बनाया जा सकता है, और इसे अलग-अलग पत्ती, लकड़ी या गोल्डन डिजाइन्स से सजाया जा सकता है। 


 मेटल चांदबाली:


 मेटल चांदबाली गहनों में एक माध्यमिक और आधुनिक विकल्प हैं। इसमें चांदों को आपकी पसंद के अनुसार स्टेनलेस स्टील, ब्रास, कॉपर, टांगस्टन, गनमेटल आदि से बनाया जा सकता हैं। ये डिजाइन कार्यालयी अवसरों और कैजुअल वस्त्रों के साथ अच्छी तरह से मिलती हैं। चांदबाली डिजाइन्स वास्तव में आपकी पसंद, प्राथमिकता और विभिन्न उद्देश्यों के आधार पर विभिन्न आभूषण दुकानों और ज्वेलर्स से उपलब्ध होती हैं। यह आपकी खूबसूरती, उपस्थिति और व्यक्तित्व को आभूषित करती हैं और आपको आपके आभूषण की मदद से बहुत सामर्थ्य प्रदान कर सकती हैं।


FAQ-Q1.कान की बाली कैसे खुलती है?
            A.अपनी उँगलियों को सही जगह पर रखें: अपने एक हाथ के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर का यूज करके बालियों के सामने के हिस्से को पकड़ें। अपने दूसरे हाथ के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर का इस्तेमाल करके, बाली को पीछे से पकड़ें। बाली के ऊपर एक मजबूत पकड़ रखें, ताकि जब आप बाली को पीछे से खींचें और उसे बाहर निकालें, तब वो गिरे नहीं।
      Q2आप कान छिदवाने वाले स्टड कैसे निकालते हैं?       A. पुश-पिन स्टड को निकालने के लिए, कान की बाली के दोनों सिरों को मजबूती से पकड़ें। फिर, फ्लैटबैक पोस्ट को जगह पर रखते हुए, घुमाएँ और 'टॉप' (सजावटी टुकड़ा) को बाहर निकालें। जब आप 'शीर्ष' (स्टड का सजावटी टुकड़ा) बाहर निकालते हैं, तो आप देखेंगे कि पोस्ट में थोड़ा सा मोड़ है - यह वहाँ होना चाहिए!
       Q3.6 सप्ताह के बाद कौन से झुमके हनने चाहिए?               A.पियर्सिंग कराने के बाद पहले साल के लिए हम 14k/18k/22k गोल्ड, प्लेटिनम या मेडिकल-ग्रेड ईयरिंग्स की सलाह देते हैं।
Q4.कान छिदवाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?    A.कान छिदवाने के बाद खाने का भी बेहद ख्याल रखें। गर्म तासीर वाला खाना नहीं खाना चाहिए।
Q5.कान का दूसरा नाम क्या है?   A. कान का दूसरा नाम कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल, श्रवण, श्रोत, श्रुतिपुट है.

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